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कैसे बुरा होया थारा हाल शूद्रो / सतबीर पाई
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कैसे बुरा होया थारा हाल शूद्रो
या थी मनुवादियों की चाल शूद्रो...
खोल कै बताऊं इनकी पहली नीति साम रै
लेणा चाहा तुमसे पुचकार कै नै काम रै
होगे तुम गुलाम इस ढाल शूद्रो...
ध्यान दे कै सुणो अगली नीति का नाम रै
दूसरी नीति मैं तुम्हें देणा चाहा दाम रै
बहुत लिया काम करे काल शूद्रो...
तीसरी नीति तो इनकी दण्ड की बताई रै
धन की धमकी दे दी तेरी कोन्या पार बसाई रै
ऐसी आँख दिखाई करकै लाल शूद्रो...
चौथी नीति भेद फूट डाल कै ना राज करो
आपसी द्वेष में चाहे लड़कै समाज मरो
इब मत डरो तोड़ो सब जाल शूद्रो...
होगी कामयाब इनकी चारों नीति खास रै
पाई वाले सतबीर तेरा तो न्यू ना होया विकास रै
करते रहे आस हर साल शूद्रो...