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क्षणिकाएँ-1 / विपिन कुमार मिश्र

1
काटै तेॅ सब्भे छै-
हम्में हुनकोॅ खेत काटै छियै
आरो हुनी हमरोॅ पेट काटै छै !

2
हुनियो गनै छै !
आरो हम्हू गनै छियै-
हुनी नोट गनै छै
आरो हम्में तारा !

3
पानी की देखै छोॅ,
खाली की पानियें में डूबै छै ।
हुनी सुरा-सुन्दरी में डुबलोॅ छोॅत
आरो हम्में करजा में ।

4
कत्तेॅ उत्तम विचार छै-
बेचारा पर चारा डालै छै ।