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ख़ामोशी / उत्तमराव क्षीरसागर
Kavita Kosh से
ख़ामोश हैं
लब
सब ख़ामोश हैं
सब ख़ामोश है
राजा-प्रजा
महल-माढी
घोडा-गाडी
सब
सब के सब ख़ामोश हैं ।
काल कहता है कथा
हूँकारी देती है ख़ामोशी
केवल हाँ केवल ख़ामोशी
सुनती है काल-कथा
शेष
ख़ामोश हैं सब
सबके लब ख़ामोश हैं
- 2000 ई0