जिस
दिशा में
गया है मेरा मित्र
उधर से ही
आ रही है यह भयानक आँधी
मुँह पर ज्वालामुखी का मलवा पोते !
आशीर्वाद देने वाले
अपने-अपने घरों में
आराम से बैठे होंगे !
बड़े बरे होंगे !
(1965)
जिस
दिशा में
गया है मेरा मित्र
उधर से ही
आ रही है यह भयानक आँधी
मुँह पर ज्वालामुखी का मलवा पोते !
आशीर्वाद देने वाले
अपने-अपने घरों में
आराम से बैठे होंगे !
बड़े बरे होंगे !
(1965)