चरवाहु / पढ़ीस
परभाती हँसि पलास के बन का धीरे-धीरे
लाली-लाली अँगुरिन ते गुदगुदी छुटयि जगायि रही।
बिन पातिन के छिपुलन पर टेसू फूले झलयिं,
का परलयि<ref>प्रलय</ref> की फउजयि हाँथन पर अंगार नचायि रही?
यी सोने की ब्यारिया माँ अँटकति, नाचति, उछरति
चरवाहन की टोली का अगुआ वुहु सुन्दर सॉवलिया-
चरवाहु चला बंसीवाला।
गाढ़ा की चुस्त मिरजई, तिहि पर फ्याँटा बँसुड़ी,
कानन बारी, मूड़ मुड़इठा<ref>सिर पर बाँधे जाने वाली पगड़ी</ref> काँधे झब्बा झूलि रहा।
पहुँचारी पहींदे हाथे लीन्हें धनुही - तरकसु,
दगर-दगर माथे ऊपर तिरपुण्डु किहे इँटक्वहरा का।
र्याख <ref>रेखा, हल्की दाढ़ी-मूँछ</ref> उठता ज्वानु र्वाब देंही ते बरसइ
खोड़स बर्स किसोर राम का निरछल रूपु मनोहर वुहु-
चरवाहु चला बंसीवाला।
काँकर<ref>कंकड़</ref> की कुरसी-मेज जोरि इजलासु <ref>इजलास, अदालत</ref> बनवयिं-
लरिका करयिं मुकदिमा बाजी कस सरपुचु सोहायि रहा!
हँसि-हँसि कयि लिखयि बयानु, देयि पातिन के पुरजा,
सजा बोलि कयि कैदु करयि, वुहिका सब हुकुम बजायि रहे,
जब सँडवा डहँकयि, तित्तुर बहँसयिं होयि लराई,
झूँठ-मूँठु का राजा वुहु साँचउ राजा अस चितयि-चितयि-
चरवाहु चलयि बंसलवाला।
जब ठीक दुपहरी खिली, बड़े मुखिया की बिटिया-
आयी चाउर-दूध पूजि जंगली-नाथ सिउ-संकर का।
छ्वटकये लरिकवा गाँसि चिढ़वयिं ‘‘काकी!’’ ‘‘भउजी!’’
वह पियारू कयि लेयि देखि, चरवाहु हँसयि हिरदउँ खोले।
ज्याठ की - पुरनमासी, मंगरू, रोहिनी नखत पर
यहयि रूप की रासि चलयि दुलहिनि बनि कयि आगेपाछे-
चरवाहु चलयि बंसीवाला।
जंगल के बीच तलाउ, किनारे गोरू छिटके,
आँबु<ref>आम</ref> अक्यलवा<ref>सबसे अकेला, अलग</ref> ऊपर बउरा क्वयिली टुटू-टुटू ब्वालयिं।
बन फल सब बीनि-बटोरि लरिकवा लयि-लयि आँवयिं
चीखि-चीखि दादा का दयि-दयि, भउजी ते ठलुहायि<ref>मजाक, मसखरी</ref> करयिं-
सब नंगी देही पर पियार<ref>प्यार, प्रेम</ref> का जामा पहिंदे
कँगलन बीच प्रेम-माया की अगनित गठरी बाँधि-बाँधि।
चरवाहु चला बंसीवाला।
गउहाने<ref>चरागाह में जानवरों के बैठने का स्थान</ref> तर खजूरि ऊपर जब चढ़यि चँदरमा,
रहस-मंडली मचयि मजे माँ, खपटन<ref>मिटटी के बर्तन के टुकड़े</ref> के तबला बाजयिं-
लरिकवा घेरि दादा भउजी दूनऊ का पकरयिं,
"क्यसन कँध्य्या यहयि नीक जब राधा-रानी तुहें बनयिं।"
दूनउँ दूनउँ का देखि याक क्वँड़रा<ref>वृत्त, घेरा</ref> मा नाचयिं
सबके सुखते सुखी भवरहरे लीला पूरी होतयि खन-
चरवाहु चला बंसीवाला।