अब चावल के दाने चुनने
का मुहावरा नहीं
घर की दीवार में
माकूल रंग रचने की परिभाषा हैं।
जान गई है चिडि़यां
अब तीर रहते हैं चुप
भेदती जो पंख
वह मुस्कान होती है।
अब चावल के दाने चुनने
का मुहावरा नहीं
घर की दीवार में
माकूल रंग रचने की परिभाषा हैं।
जान गई है चिडि़यां
अब तीर रहते हैं चुप
भेदती जो पंख
वह मुस्कान होती है।