भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

चिड़िया निहत्थी गा रही है / हेमन्त शेष

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

चिड़िया निहत्थी
गा रही है पेड़ पर
उसे वहाँ से साफ़ दिखलाई देता होगा
उस फौजी का बूट पेड़ तले लेट कर
जो जख़्म भरते ही आत्महत्या कर लेगा
अगली लड़ाई से पूर्व