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छन्द / राहुल झा
Kavita Kosh से
वरिष्ठ कवि प्रमोद त्रिवेदी की कविता पढ़कर!
चिड़ियाँ सौंपेंगी हमें अपनी उड़ान
तितलियाँ थोड़ी चंचलता
शंखपुष्पी थोड़ी रोशनी
पंडूक आकाश सौंपेंगे हमें
और नदी
अपनी कल-कल हँसी...
वृक्ष देंगे अपनी सम्पूर्णता
और बारिश अपनी मधुर आसावरी
धरती हमें वासन्ती छन्द देगी
और हम-
नश्वरता को नकार देंगे!