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जय जय शंकर शूल-डमरुधर / हनुमानप्रसाद पोद्दार

(राग मालकोस-ताल शूल)

जय जय शंकर शूल-डमरुधर, जटा-जूटधर याली।
 जय कैञ्लास-निवासी त्रिनयन, जय रुद्राक्ष-सुमाली॥
 जय गौरी जगजननि पार्वती, जयति दुरित-दुखहारी।
 जय गणपति मूषकवाहन, जय विघ्रहरण सुखकारी।