Last modified on 22 जून 2016, at 04:21

जागी प्रहरी भोरें कंस ठौर गेल / भवप्रीतानन्द ओझा

झूमर (छन्द पयार)

जागी प्रहरी भोरें कंस ठौर गेल
नन्दिनी जनम खबर तब देल
सुनैतैं कैद-घर कंस जे गेल
जातहिं कन्या उठाय के लेल
पैर धरी नभ में घुराय जे लेल
बध-शीला पेॅ, पटकी जे देल
छोड़तैं देवी उड़ि ठेकली आकाश
कहथीं कंस प्रति मुखे मृदु हास।