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जाना ही है / रणजीत साहा / सुभाष मुखोपाध्याय
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कौन जा रहा है?
-हम लोग!
हम गाँव के लोग
हम शहर के लोग
हाड़-जिंजरवाले लोग
जा रहे जुलूस में।
हाथ में क्या है?
-झण्डा।
कहाँ जा रहे?
-दमनकारी राजा के
दरबार।
रुको
-नहीं
अगर ज़बर्दस्ती रोका गया
-नहीं!
संगीनांे से बींधा गया
-तो भी नहीं!
मत रोको रास्ता
हमें जाना ही है
-जुलूस में।