भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
जुगनू बन या तारा बन / हस्तीमल 'हस्ती'
Kavita Kosh से
जूगनू बन या तारा बन
राहों का उजियारा बन
सुर ही तेरा जीवन है
बंसी बन या तारा बन
आवारा का मतलब जान
शौक़ से फिर आवारा बन
एक किसी का क्या बनना
दुनिया भर का प्यारा बन
सच इसां की दुनिया में
घूम रहा बेचारा बन।