भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
डिक्शनरी / रमेश तैलंग
Kavita Kosh से
डिक-डिक, डिक-डिक डिक्शनरी!
डिक्शनरी में पेज हजार।
शब्दों का अद्भुत भंडार।
ऊपर से लगते सब एक।
पर शब्दों के भेद अनेक।
डिक-डिक, डिक-डिक डिक्शनरी!
माथा-पच्ची, खेलम-खेल।
शब्दों की यह लंबी रेल।
भूल-भुलैयाँ भरा सफ़र।
भटक न जाना इधर-उधर।
डिक-डिक, डिक-डिक डिक्शनरी!
नए शब्द, पहली पहचान।
उनके सही अर्थ का ज्ञान।
भाषा में उनका उपयोग।
डिक्शनरी से सीखे लोग।
डिक-डिक, डिक-डिक डिक्शनरी!