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डोमन दा / अमरेन्द्र
Kavita Kosh से
दूगो पैसा चा-चा-चा
डोमन दा सेॅ खुश बच्चा ।
डोमन दा रोॅ कोन निशान
हाथ में बौकड़ी, मूँ में पान
बात-बात पर हा-हा-हा
खलखल हाँसै डोमन दा ।
दूसरोॅ हुनकोॅ कोन निशान
तनिया टा नै शान-गुमान
सा-सा, रे, रे, ग, म, पा
कवि-आलोचक डोमन दा ।
तेसरोॅ हुनकोॅ कोन निशान
सौ गो पोथी हुनकोॅ जान
चलै बुतरूवे रं पा-पा
दू मन भारी डोमन दा ।