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तेरे सिवा / वाज़दा ख़ान

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ख़्वाहिशें और भी हैं इक तेरे सिवा
अरमाँ और भी हैं इक तेरे सिवा

तू जो मिला कायनात बनकर
ज़िंदगी और भी है बाक़ी
इक तेरे सिवा

राहें और भी हैं
जो देती हैं पता मंज़िल का
इक तेरे सिवा ।