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नदियाँ / आरसी चौहान
Kavita Kosh से
नदियाँ पवित्र धागा हैं
पृथ्वी पर
जो बँधी हैं
सभ्यताओं की कलाई पर
रक्षासूत्र की तरह
इनका सूख जाना
किसी सभ्यता का मर जाना है।