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ना गुइयाँ, हाँ गुइयाँ / रमेश तैलंग
Kavita Kosh से
झूठ के पाँवों में मेंहदी रचाना,
ना गुइयाँ, ना गुइयाँ,
ना गुइयाँ, ना।
बातों ही बातों की
खिचड़ी पकाना,
ना गुइयाँ, ना गुइयाँ,
ना गुइयाँ, ना।
दुख में किसी के
जी को दुखाना,
ना गुइयाँ, ना गुइयाँ,
ना गुइयाँ, ना।
काम पड़े तो
आँखें चुराना,
ना गुइयाँ, ना गुइयाँ,
ना गुइयाँ, ना।
चारा दिनों का है
मिलना-मिलाना,
हाँ गुइयाँ, हाँ गुइयाँ,
हाँ गुइयाँ, हाँ।
प्यार का भूखा है
सारा जमाना।
हाँ गुइयाँ, हाँ गुइयाँ,
हाँ गुइयाँ, हाँ।