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निर्मल वर्मा की कहानियाँ-1 / मनीष मिश्र

दुखो को छीलती हई
तराशती हुई चेहरो के संताप
जोड़ती जमा करती
एक-एक कतरा तकलीफ़।

मेपल के पेड़ो से झरती
उदासी को समेटती

एक सुरियलिस्टिक
स्वप्न में जीती
कहानियाँ ।