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नींद / मनमोहन
Kavita Kosh से
दक्षिण दिशा में
गया है एक नीला घोड़ा
बहुत घने मुलायम अयाल हैं
और आँखें हैं गहरी
काली और सजल
नंगी है उसकी पीठ
पर्वतों से गुज़रता
वह दक्षिण दिशा के
बादलों में दाख़िल
हो चुका है