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पहले जैसी मुहब्बत नहीं है / विजय वाते
Kavita Kosh से
बात करने की फ़ुरसत नहीं है।
पहले जैसी मुहब्बत नहीं है।
अब तुम्हें फोन भी कर सके हम
हमको इतनी इज़ाज़त नहीं है।
प्यार के साथ थी सब उम्मीदें,
अब किसी से शिकायत नहीं है।
कितनी ठंडक से ये कह दिया है,
अब तुम्हारी ज़रूरत नहीं है।
कोई तोहमत नई फिर उठाएँ
अब विजय इतनी हिम्मत नहीं है।