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बिना परीक्षा / प्रभुदयाल श्रीवास्तव
Kavita Kosh से
बिना परीक्षा दिए छिपकली,
हो गई पहली कक्षा पास।
दीवारों पर घूम रही थी,
फिर भी चिंतित और उदास।
किए बिना श्रम मिली सफलता,
उसे न आई बिलकुल रास।
नाम लिखाने फिर पहली में,
पहुँच गई शिक्षक के पास।