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भैया का रिक्शा / रमेश तैलंग
Kavita Kosh से
एक नहीं, दो नहीं,
पाँच नहीं, दस।
भैया का रिक्शा है
एक मिनी बस।
दस बच्चों,
दस बस्तों की पूरी टीम,
लदी-फदी चलती है
डिमक-डिमक डीम,
क्या मजाल जो कोई
हो टस से मस।
पानी की बोतलें
आधी खुलतीं,
बतियाती चलती हैं
हिलती-डुलती,
हँस-हँसकर बिखराते
भैया बतरस।
भैया का रिक्शा है
एक मिनी बस।