भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
भोर छोरी खातर / सांवर दइया
Kavita Kosh से
हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।
अगूण में सिंदूरी उजास :
जाणै जवान हुवती छोरी रै
उणियारै आवती ओप
सिंदूरी सूरज :
जाणै अबार अबार घड़वायोड़ो
सोनै रो नुंवो टीको
भोर छोरी हुसी स्याणी जद
काम आसी
आ चींतै
कुदरत-मा !