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मैया दौड़ी आवें अँगना अन्हार लागै / जयप्रकाश गुप्ता
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मैया दौड़ी आवें अँगना अन्हार लागै
अन्हार लागै हमरा डोॅर लागै
जबेॅ तोहें ऐवै मैया सब कॅ जगैवै हे
शांति केरोॅ साज पर देश-गीत गैवै हे
हमरा देशोॅ केरोॅ आशॉ साकार लागै
घरोॅ द्वारी मैया जागरण फूल लगैवै हे
हिमालारोॅ गोदी में हम्में जिनगी बितैवै हे
हमरोॅ जिनगी के यही सुख-सार लागै
उत्तर के सुरभि मैया पूरब बारात हे
पश्चिम के आरती दक्षिण परात हे
मैया अँचरा में बसलोॅ संसार लागे