सुन! रात लोरियाँ गा रही है
मुन्ने तू सो जा
सोये सभी बसेरों में
तू सपनों में खो जा
बादल की चादरिया ओढ़े
झिलमिल-झिलमिल वाली
चंदा मना रहा है नभ के
आँगन में दीवाली
तारों के दीपक जागेंगे
टिमटिम तू सो जा।
निंदिया ने सारी दुनिया पर
कैसा जादू फेरा!
सूरज भी थककर सोया है
कैसे ओढ़ अंधेरा
पाखी के पंखों में बच्चे
सोये तू सो जा