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रिपु रन जीति राम घर आ‌ए / हनुमानप्रसाद पोद्दार

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(राग तैलंग-तीन ताल)
रिपु रन जीति राम घर आ‌ए।
लषन-सीय-कपि-रीछ-सहित प्रभु कुञ्सल, अवध आनंद बधा‌ए॥
 नगर छयो आनंद-कुञ्लाहल, हाटबाट-घर सबनि सजा‌ए।
 लगे बाजने बजन चहूँ दिसि, मुदित नारि-नर देखन धा‌ए॥
 उतरि बिमान भ‌ए सब ठाढ़े, अमित रूञ्प निज राम बना‌ए।
 जथाजोग मिलि राम सबनि तें सबके मन अति मोद बढ़ा‌ए॥