भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वत्सला पाण्डे |संग्रह= }} {{KKCatKavita}}<poem>कब एक बीज आ गिर…
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=वत्सला पाण्डे
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}<poem>कब एक बीज
आ गिरा था
मुझमें
आंखों में
सरसराई हरीतिमा
मन में
किसकिसाए पत्ते
पलने लगे थे
देह में
रतनारा गुलमोहर
सुनहला अमलतास
दहकता पलाश
या विराट बरगद
भीनी सी रातरानी
महकता महुआ
बरसता हरसिंगार
कि रिसता गुलाब
तुम एक पथिक
थके मांदे
खिंचे चले आए
क्या बता सकोगे
वह हरीतिमा
वह महक कैसी थीं
वे फूल कौन से थे
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=वत्सला पाण्डे
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}<poem>कब एक बीज
आ गिरा था
मुझमें
आंखों में
सरसराई हरीतिमा
मन में
किसकिसाए पत्ते
पलने लगे थे
देह में
रतनारा गुलमोहर
सुनहला अमलतास
दहकता पलाश
या विराट बरगद
भीनी सी रातरानी
महकता महुआ
बरसता हरसिंगार
कि रिसता गुलाब
तुम एक पथिक
थके मांदे
खिंचे चले आए
क्या बता सकोगे
वह हरीतिमा
वह महक कैसी थीं
वे फूल कौन से थे
</poem>