भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

भीड़ में सबसे अलग / जहीर कुरैशी

1,072 bytes added, 16:11, 24 सितम्बर 2008
* [[पीड़ा से रिश्ता पक्का कर जाता है / जहीर कुरैशी]]
* [[हर समय माँ है दुआओं के करीब / जहीर कुरैशी]]
* [[ये सच है—देह के बाहर भी देखना होगा / जहीर कुरैशी]]
* [[जा रहे हो, मगर, लौटना / जहीर कुरैशी]]
* [[मन के अंदर गुबार क्यों रखना / जहीर कुरैशी]]
* [[प्यार लोगों ने जताया, उम्र भर / जहीर कुरैशी]]
* [[हर समय द्वन्द्व चलते रहते हैं / जहीर कुरैशी]]
* [[जो पुराना घाव था फिर से हरा होने लगा / जहीर कुरैशी]]
* [[जन—कथाओं के नायक बनें / जहीर कुरैशी]]
* [[हमें कहीं न कहीं यह गुमान रहना है / जहीर कुरैशी]]
* [[वे मुश्किलों में भी हँसने की बात करते हैं / जहीर कुरैशी]]