भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
अता किया है जो रब ने तुझको संवार दे तू नसीबे-मुफ़लिस
यतीम बच्चों की परवरिस परवरिश में, तुझे भी आसूदगी मिलेगी
ख़ुदा को दैरो-हरम में कब से, तलाशते हैं ख़ुदा के बन्दे
384
edits