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Kavita Kosh से
अता किया है जो रब ने तुझको संवार दे तू नसीबे-मुफ़लिस
यतीम बच्चों की परवरिस परवरिश में, तुझे भी आसूदगी मिलेगी
ख़ुदा को दैरो-हरम में कब से, तलाशते हैं ख़ुदा के बन्दे