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भरोसैमंद आखर / नंद भारद्वाज

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{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=नंद भारद्वाज |संग्रह=}}{{KKCatKavita‎}}{{KKCatRajasthaniRachna}}<poem>म्हैं अहसानमंद हूं
मिनखपणै रा वां मोभी पूतां रो
जिकां री खांतीली मेधा
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