भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हुसैनी वोहरा |संग्रह=मंडाण / नीरज ...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=हुसैनी वोहरा
|संग्रह=मंडाण / नीरज दइया
}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
{{KKCatKavita}}
<Poem>पतझड़ रा पात ज्यूं
संबंध आजकाल होयग्या
पल मांय बण जावै
तूट जावै छिन मांय
तूटै ज्यूं डोर।
संबंधां रो मोल
अब नीं दिखै
संबंध बणग्यो
मतलब रो दूजो नांव
इण खातर ई
बणावां अर तोड़ देवां
निभावां संबंध
दिखावै सारू....
कैयो नीं आज संबंध
होयग्या है-
पतझड़ रा पात ज्यूं।</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=हुसैनी वोहरा
|संग्रह=मंडाण / नीरज दइया
}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
{{KKCatKavita}}
<Poem>पतझड़ रा पात ज्यूं
संबंध आजकाल होयग्या
पल मांय बण जावै
तूट जावै छिन मांय
तूटै ज्यूं डोर।
संबंधां रो मोल
अब नीं दिखै
संबंध बणग्यो
मतलब रो दूजो नांव
इण खातर ई
बणावां अर तोड़ देवां
निभावां संबंध
दिखावै सारू....
कैयो नीं आज संबंध
होयग्या है-
पतझड़ रा पात ज्यूं।</poem>