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|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= बियाह सँ द्विरागमन धरिक गीत / मैथिली लोकगीत संग्रह
}}
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<poem>सखि के साओन मे बुनझीसी
पिया संग खेलब पचीसी ना
मुखमे पान दांत मे मिस्सी
सखि हे साओन केर बुनझीसी
पिया संग खेलब पचीसी ना
गोर बदन पर कारी रे चुनरिया
नयन काजर मुख मिस्सी
पिया संग खेलब पचीसी ना
सोनाक थार सखि रूपे केर कौड़ी
लागि गेल पिया सौं बाजी
पिया संग खेलब पचीसी ना
केये हारय केये जीतय
केये मारलनि पिक्की
पिया संग खेलब पचीसी ना
राम हारलनि सीता जितलनि
लछुमन मारलनि पिक्की
पिया संग खेलब पचीसी ना
सखि हे साओन मे बुनझीसी
पिया संग खेलब पचीसी ना
</poem>
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