भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अश्वघोष |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatBaalKavita...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=अश्वघोष
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatBaalKavita}}
<poem>मम्मी पर है ऐसा जूता,
जिसको लाया इब्न बतूता!
यह जूता परियों का जूता,
यह जूता मणियों का जूता,
मोती की लड़ियों का जूता,
ढाई तोले सबने कूता,
इसको लाया इब्न बतूता!
इस जूते की बात निराली,
पल में भरता पल में खाली,
बच्चे देख बजाते ताली,
अजब-अनूठा है यह जूता,
इसको लाया इब्न बतूता!
इसमें अपने पाँव फँसाकर,
हम जाते हैं नानी के घर,
इसे पहनकर भग जाता डर,
इसको रोके किसमें बूता,
इसको लाया इब्न बतूता!
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=अश्वघोष
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatBaalKavita}}
<poem>मम्मी पर है ऐसा जूता,
जिसको लाया इब्न बतूता!
यह जूता परियों का जूता,
यह जूता मणियों का जूता,
मोती की लड़ियों का जूता,
ढाई तोले सबने कूता,
इसको लाया इब्न बतूता!
इस जूते की बात निराली,
पल में भरता पल में खाली,
बच्चे देख बजाते ताली,
अजब-अनूठा है यह जूता,
इसको लाया इब्न बतूता!
इसमें अपने पाँव फँसाकर,
हम जाते हैं नानी के घर,
इसे पहनकर भग जाता डर,
इसको रोके किसमें बूता,
इसको लाया इब्न बतूता!
</poem>