भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

देखें सोचें / पृथ्वी पाल रैणा

353 bytes added, 16:37, 4 अक्टूबर 2015
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पृथ्वी पाल रैणा }} {{KKCatKavita}} <poem> देखें त...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=पृथ्वी पाल रैणा
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
देखें तो हमें लगता है
हम आकाश से ऊँचे हैं
और अगर सोचें तो हमें
जर्ऱा भी
पर्वत नजऱ आता है ।

</poem>