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बरगद बाबा / सावित्री परमार

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<poem>बरगद बाबा कितने अच्छे
करते प्यार इन्हें सब बच्चे।

चाहे कितनी धूप पड़े
चाहे जितनी शीत पड़े,
हँसते रहते हरदम चाहे
आँधी आए, धूल उड़े।

कहते किस्से सच्चे-सच्चे,
बरगद बाबा कितने अच्छे।

बड़ी निराली इनकी माया
लंबी-चौड़ी इनकी काया,
आता जो भी इनके द्वारे
हर प्राणी को मिलती छाया।

इनके लिए सभी हैं अच्छे,
करते प्यार इन्हें सब बच्चे।
</poem>
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