भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पवन करण |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatBaalKavita}}...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=पवन करण
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatBaalKavita}}
<poem>गुड्डी गई देखने मेला,
भीड़-भड़क्का ठेलम ठेला!
जोकर-जादू, मोटर झूला,
पाँच रुपए में चक्की-चूल्हा!
दही-पकौड़ी, चाट मलाई,
गुड़िया ले लो, सजी सजाई!
छुक-छुक करती चलती रेल,
नए-नवेले देखो खेल!
चार आने में देखो झाँकी,
सबसे अच्छी गई है आँकी!
शोर-शराबा भीड़ का रेला,
गुड्डी गई देखने मेला!
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=पवन करण
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatBaalKavita}}
<poem>गुड्डी गई देखने मेला,
भीड़-भड़क्का ठेलम ठेला!
जोकर-जादू, मोटर झूला,
पाँच रुपए में चक्की-चूल्हा!
दही-पकौड़ी, चाट मलाई,
गुड़िया ले लो, सजी सजाई!
छुक-छुक करती चलती रेल,
नए-नवेले देखो खेल!
चार आने में देखो झाँकी,
सबसे अच्छी गई है आँकी!
शोर-शराबा भीड़ का रेला,
गुड्डी गई देखने मेला!
</poem>