भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

नदी का उड़ना / रेखा चमोली

864 bytes added, 05:03, 13 दिसम्बर 2015
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रेखा चमोली |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKav...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रेखा चमोली
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>एक नदी
उड़ी उड़ी उड़ी
उसके साथ उड़े
मछलियां, घोंघे, सांप, कछुए, कमल, मगरमच्छ

नदी को उड़ता देख
चिड़ियाएं चौंकी
बादल मुस्कुराए
इन्द्रधनुष ठिठका
सूरज चमका.........और तेज

नदी देर..........शाम लौटी
थकी-थकी नदी
रात भर चुपचाप बहती रही
सुबह के अखबार में
नदी के उड़ने की खबर पढ़कर
हुए सब हैरान।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
2,956
edits