भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कुमार रवींद्र |अनुवादक= |संग्रह=च...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=कुमार रवींद्र
|अनुवादक=
|संग्रह=चेहरों के अन्तरीप / कुमार रवींद्र
}}
{{KKCatNavgeet}}
<poem>
पल उजाले के
हथेली में धरे थे
उड़ गये
एक उथली नदी में
डूबे बहुत हम
दृश्य धुँधले हो गये
ऊबे बहुत हम
कौन जाने
किस जगह से
रास्ते कब मुड़ गये
धूप के होने
न होने की खबर ले
इधर बढ़ते पाँव
जा पहुँचे किधर थे
राख के
आकाश से
दिन यों अचानक जुड़ गये
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=कुमार रवींद्र
|अनुवादक=
|संग्रह=चेहरों के अन्तरीप / कुमार रवींद्र
}}
{{KKCatNavgeet}}
<poem>
पल उजाले के
हथेली में धरे थे
उड़ गये
एक उथली नदी में
डूबे बहुत हम
दृश्य धुँधले हो गये
ऊबे बहुत हम
कौन जाने
किस जगह से
रास्ते कब मुड़ गये
धूप के होने
न होने की खबर ले
इधर बढ़ते पाँव
जा पहुँचे किधर थे
राख के
आकाश से
दिन यों अचानक जुड़ गये
</poem>