भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

कवि के काम / अरुण कुमार निगम

743 bytes added, 17:27, 23 जनवरी 2017
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कोदूराम दलित |संग्रह= }} {{KKCatKundaliya‎}} {{KKC...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=कोदूराम दलित
|संग्रह=
}}
{{KKCatKundaliya‎}}
{{KKCatChhattisgarhiRachna}}
<Poem>
कविता गढ़ना काम हे, कवि के अतकी जान,
जुग परिबर्तन ये करिस, बोलिन सबो सियान।
बोलिन सबो सियान, इही दिखलावे दरपन,
सुग्घर सुगढ़ बिचार, जगत बर कर दे अरपन।
कबिता - मा भर जान, सदा हे आगू बढ़ना,
गोठ 'अरुन' के मान, मयारू कबिता गढ़ना।
</poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits