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{{KKRachna
|रचनाकार=राजेन्द्र शर्मा 'मुसाफिर'
|अनुवादक=
|संग्रह=थार-सप्तक-3 / ओम पुरोहित ‘कागद’
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
पापड़ी जम्या जोहड़ा
तिणकलां तरसती
टाट अर लरड़ी
डरूं-फरूं ऊभी
गाय-बाछी
सूंसाती
भैंस्यां
जाळ मांय लुक्यौड़ा
मोरिया
नीमड़ै मांय अज्यासा
चीड़ी-कागला
हाडका चूंथता
गंडका
मुरधर मांय अैनांण
सुरजी री फटकार रा
इंदर री रीस रा
सालीणै इम्तहान रा।
सगळी आंख्यां
आभै टिक्यौड़ी
उडीक फगत
अेक बादळी री।
</poem>
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|रचनाकार=राजेन्द्र शर्मा 'मुसाफिर'
|अनुवादक=
|संग्रह=थार-सप्तक-3 / ओम पुरोहित ‘कागद’
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<poem>
पापड़ी जम्या जोहड़ा
तिणकलां तरसती
टाट अर लरड़ी
डरूं-फरूं ऊभी
गाय-बाछी
सूंसाती
भैंस्यां
जाळ मांय लुक्यौड़ा
मोरिया
नीमड़ै मांय अज्यासा
चीड़ी-कागला
हाडका चूंथता
गंडका
मुरधर मांय अैनांण
सुरजी री फटकार रा
इंदर री रीस रा
सालीणै इम्तहान रा।
सगळी आंख्यां
आभै टिक्यौड़ी
उडीक फगत
अेक बादळी री।
</poem>