भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=भंवर कसाना |अनुवादक= |संग्रह=थार-स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=भंवर कसाना
|अनुवादक=
|संग्रह=थार-सप्तक-4 / ओम पुरोहित ‘कागद’
}}
{{KKCatGhazal}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
कूंडियै पाणी सिड़ ज्यासी
मोह सूं मिमता जिड़ ज्यासी

मती बण मूंडां सूं लपचेड़
कायदो मांदो पड़ ज्यासी।

थोड़ो सो आंतरो कर राख
भीड़ में भीड़ी भिड़ ज्यासी।

मती कर पचबा री तजबी
जहर री जात बिगड़ ज्यासी

बांध मत पीक रा पाडा
मूरत री जड़ां उपड़ ज्यासी

काण रो कांकरो मत खोल
ताकड़ी-धरण उघड़ ज्यासी

</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
8,152
edits