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चरण्‌पद्यमा पैजनी <ref>पाउजेब</ref> बाहुलीमा
क्वणत्<ref>कणकण गर्ने मीठी मीठो शब्द</ref> कङ्कणै<ref>ककन</ref> किङ्किणी<ref>चुँचुराघुँघुरा</ref> छन् कटीमा<ref>कम्मरमा</ref>
द्विनामी<ref>पछयौरा</ref> असल् पैह्री खेलदा झटक् त्यो
सदा सम्झँदा छाति मेरो भरिन्थ्यो ।।२।।
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