भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=[[लक्ष्मीनारायण रंगा]] |अनुवादक= |स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[लक्ष्मीनारायण रंगा]]
|अनुवादक=
|संग्रह=सावण फागण / लक्ष्मीनारायण रंगा
}}
{{KKCatGhazal}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
अकास धुंधळायोड़ो है
आदमी उफतायोड़ो है
भांगै सगळी ओळखाण
आदमी सतायोड़ो है
मूंढै माथै मुळक रची है
आसूंड़ा लुकायोड़ो है
बिम्ब सै बिखर रिया
दरपण तिड़कायोड़ो है
गुलाब बिस कांटा बणैं
आदमी रो लगायोड़ो है
सुख रो सूरज तड़फड़ावै
सूळी पर चढ़ायोड़ो है
मन रा ताळा ना खुलै
कूंची गुमायोड़ो है
होठां माथै खीरा उछळै
पेट रो भड़कायोड़ो है
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=[[लक्ष्मीनारायण रंगा]]
|अनुवादक=
|संग्रह=सावण फागण / लक्ष्मीनारायण रंगा
}}
{{KKCatGhazal}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
अकास धुंधळायोड़ो है
आदमी उफतायोड़ो है
भांगै सगळी ओळखाण
आदमी सतायोड़ो है
मूंढै माथै मुळक रची है
आसूंड़ा लुकायोड़ो है
बिम्ब सै बिखर रिया
दरपण तिड़कायोड़ो है
गुलाब बिस कांटा बणैं
आदमी रो लगायोड़ो है
सुख रो सूरज तड़फड़ावै
सूळी पर चढ़ायोड़ो है
मन रा ताळा ना खुलै
कूंची गुमायोड़ो है
होठां माथै खीरा उछळै
पेट रो भड़कायोड़ो है
</poem>