भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
शुक्र तो अदा करो
है वो नहीं 'रक़ीब' वो है
प्यार से मिला करो
</poem>
384
edits