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रउरा गाँवे जब ले सावन आइल बा
हमरा गाँवे तलई- ताल सुखाइल बा

पटना-दिल्ली बइठल रउरा का जानब -
तरवा जेठे कतना ई भउराइल बा

लेके हम आपन गगरी कहवाँ जाईं
हमरा खातिर घाट सभे कउराइल बा

जेतने पेवन सटलीं, ओतने छितराइल
जिनगी के कथरी अइसन बिधुनाइल बा

ई रोटी हमरा खातिर सपना बाटे
रउआ खातिर भलहीं ई अउराइल बा

सांच कहे के लत लागल बा जहिया ले
लोग कहेला, 'आसिफ' त बउराइल बा
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