भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

लड़की जात हो / अलकनंदा साने

6 bytes added, 16:23, 21 सितम्बर 2020
<poem>
लड़की जात हो----ठठाकर मत हँसो
लड़की जात हो----पैर फैलाकर मत बैठो
लड़की जात हो----तनकर मत चलो
लड़की जात हो----सबके बीच बाल मत औंछो
Delete, Mover, Reupload, Uploader
16,373
edits