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पापा का चश्मा / प्रदीप शुक्ल

212 bytes added, 09:43, 15 नवम्बर 2020
तभी अचानक मम्मी ने
पापा के सर को देखा
नज़र आ गई तुरन्त उन्हें
चश्मे की काली रेखा
घूर रही हैं मम्मी
पापा दिखा रहे अपनापा
</poem>
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