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Kavita Kosh से
लोग कबूतर बनकर खाली टुक -टुक ताक रहे
उसकी जुमलेबाजी में कितनी मक्कारी है ?
रंग बदलने वाली उसकी फ़ितरत भी देखी
फिर भी माली की भी तो कुछ जिम्मेदारी है
उसके बारे में इससे ज़्यादा क्या और कहूँ ?
लोग यही बस देख रहे हैं सूरत प्यारी है
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