भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शुभोनाथ |अनुवादक=तनुज |संग्रह= }} {{KKC...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=शुभोनाथ
|अनुवादक=तनुज
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
एक कवि मिलता है दूसरे कवि से
जैसे बीड़ी से मिलती है तिल्ली की आग

पूनम की रात का वह क्षण
आँखें भिंच जाती हैं तब —
देखकर
चांद के सफ़ेद चमकीले पँख

नशे का उतरता है नक़ाब
और कवि मिल लेता है
बीच चौराहे पर, अपने ही प्रतिबिम्ब से !

एक तितली भी साथ-साथ
बैठ चुकी होती है फूल पर
भूलकर ख़याल वक़्त का...

'''मूल बांगला से अनुवाद : तनुज'''
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,616
edits